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क्रीड़ा भारती का परिचय
क्रीड़ा भारती की स्थापना साल 1992 में खेलों के माध्यम से ‘स्वस्थ्य भारत – समर्थ भारत’ का निर्माण हो यह ध्यान में रखकर की गई। देश के अन्य स्थापित खेलों के साथ-साथ स्वदेशी खेलों को भी बढ़ावा मिले तथा समाज के सभी वर्गों में खेलों के प्रति आकर्षण बढ़े और खेलों के माध्यम से राष्ट्रीय चरित्र की भावना का निर्माण हो। देश में एक खेल संस्कृति का निर्माण हो और अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्द्धाओं में हमारा देश विश्व के अग्रणी देशों में गिना जाये। इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर क्रीड़ा भारती कार्यरत है।
महाराष्ट्र के पुणे में श्री दामुअन्ना दाते जी एवं श्री श्रीपति शास्त्री जी ने कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र के संपूर्ण जिलों में संगठित करते हुए 9 सितंबर सन 1990 को मॉडर्न हाई स्कूल, गणेश खंड मार्ग, पुणे में सभी कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित एक बैठक में संगठन का नाम “क्रीड़ा भारती” सोचा गया ।
1991 एवं 1992 में शृंखलाबद्ध लंबी चर्चा के बाद संस्थापक कार्यकारिणी, विधान आदि का कार्य पूर्ण हुआ एवं पंजीकरण आवेदन करने के बाद 4 दिसंबर 1992 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा संपूर्ण देश में कार्य करने की अनुमति के साथ पंजीकरण दस्तावेज जारी किए गए । क्रीड़ा भारती के कार्य की स्वीकृति समाज में होने लगी तो हनुमान जन्मोत्सव से क्रीड़ा भारती का कार्य विधिवत रूप से प्रारंभ हुआ ।